The smart Trick of shiv chalisa in hindi That No One is Discussing
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भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
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अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर Shiv chaisa के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के shiv chalisa in hindi तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥